Vijaya Ekadashi 2024: Date, व्रत विधि, महत्व, पूजा विधि
Vijaya Ekadashi 2024 will be celebrated on Wednesday, March 6, 2024. The most auspicious time for Vijaya Ekadashi Paran is from 1:43 PM to 04:04 PM, 7th March 2024.
हिंदू धर्म में Vijaya Ekadashi (विजया एकादशी) के व्रत का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। विजया एकादशी व्रत विजय प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत इस बात को दर्शाता है कि जब कोई व्यक्ति भयंकर शत्रुओं से घिरा हो और उसे लग रहा हो कि उसकी पराजय उसके सामने खड़ी है, तो उस विकट स्थिति में यदि वह व्यक्ति विजय प्राप्त करना चाहता है, तो विजया एकादशी उस व्यक्ति को विजय दिलाने की क्षमता रखती है।
विजया एकादशी व्रत का उद्देश्य विजय प्राप्ति है। यह व्रत फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की Ekadashi को होता है। इस एकादशी के व्रत से व्रत करने वाले व्यक्ति को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है तथा में पूर्व जन्म के पापों से छुटकारा हासिल कर लेता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है और धार्मिक कार्य पूरे किए जाते हैं।
Vijaya Ekadashi Facts
- हिंदू धर्म के शास्त्रों में दर्ज पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने भी समस्त वानर सेना के साथ मिलकर विजया एकादशी का व्रत किया था ताकि वह विशालकाय समुद्र को पार करके लंका पर विजय प्राप्त कर सके।
- यह भी कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा जी ने नारद मुनि को विजय एकादशी के महत्व के बारे में समझाया था।
- भगवान श्री कृष्ण ने भी धर्मराज युधिष्ठिर को विजय एकादशी की महिमा के बारे में समझाया था।
- मान्यताओं के अनुसार विजय एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते समय कुछउपाय भी अवश्य करने चाहिए जैसे कि किसी विशेष काम या क्षेत्र में सफलता प्राप्त करनी हो, तो श्री राम परिवार की पूजा करनी चाहिए। इस पूजा में 11 केले, लाल फूल एवं लड्डू अर्पित किए जाते हैं। इसके उपरांत 11 दीपक और 11 अगरबत्ती जलानी होती है तथा 11 खजूर और बदाम राम परिवार को चढ़ाए जाते हैं। यह सब करने के पश्चात ॐ सियापति राम रामाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। यह उपाय करने से विशेष काम या क्षेत्र में सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
- यदिकोई व्यक्ति नौकरी प्राप्त करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को इस दिन एक कलश पर आम का पल्लव रखकर उस पर एक पात्र रखना होगा। इस पात्र में जौ भरने के बाद दीया जलाना होता है। दीया जलाने के पश्चात 11 फूल, 11 फल एवं मिठाई भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी को अर्पित करके उनकी पूजा-अर्चना करनी होती है। पूजा करने के बाद ॐ नारायणम लक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि इस दिन यह उपाय किया जाए तो, उस व्यक्ति को नौकरी अवश्य प्राप्त होती है।
- यदि कोई व्यक्ति अपनी अधूरी इच्छाको पूरा करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को इस दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा का अभिषेक दूध में केसर डालकर करना चाहिए, अभिषेक करने के पश्चात विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करके अपनी इच्छा को भगवान विष्णु के सामने रखना चाहिए, इस उपाय से व्यक्ति को अवश्य फायदा होता है।
- यदि कोई व्यक्ति अपने कर्ज से मुक्ति पाना चाहता है, तो उस व्यक्ति को विजया एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए क्योंकि मान्यता अनुसार भगवान विष्णु पीपल के पेड़ में वास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि विजया एकादशी के दिन यह उपाय किया जाए, तो उस व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
- यह भी एक मान्यता है कि यदि विजया एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के पास गाय के घी का दीपक जलाया जाए, तो घर में सुख शांति बनी रहती है।
Vijaya Ekadashi Vrat Katha
पौराणिक कथाओं के अनुसार रामायण काल में जब भगवान श्री राम अपनी वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई करने के लिए जा रहे थे, तो उस समय उनके सामने विशालकाय समुद्र पार करने की बहुत बड़ी चुनौती थी। समुद्र काफी बड़ा था और उसको पार करना इतना आसान नहीं था; इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था कि वह इस समुद्र कैसे पार करें। अंत में उन्होंने समुद्र से ही लंका पर चढ़ाई करने के लिए मार्ग मांगा लेकिन वहां पर भी असफल रहे। फिर उन्होंने ऋषि-मुनियों से उपाय पूछा तब उन्होंने कहा कि श्री राम को अपनी वानर सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत करना चाहिए, इससे उन्हें अवश्य लाभ होगा।
ऋषि मुनियों की बातें सुनने के पश्चात भगवान राम ने फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वानर सेना के साथ विजय एकादशी का व्रत किया तथा पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी व्रत के प्रभाव से ही समुद्र से लंका जाने का मार्ग तैयार हुआ। विजय एकादशी व्रत के पुण्य से श्री राम जी ने रावण पर विजय प्राप्त की, तभी से ही विजय एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। आम लोगों में भी विजय एकादशी का व्रत प्रसिद्ध हो गया तथा लोग अपने किसी भी कार्य की सफलता के लिए यह व्रत रखने लगे।
Vijaya Ekadashi Vrat Vidhi
- Vijaya Ekadashi के 1 दिन पहले एक वेदी बनाकर उस पर सप्तधान्य रखा जाता है।
- इसके पश्चात सोने, चांदी, तांबे या फिर मिट्टी का कलश उस पर स्थापित किया जाता है।
- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
- स्नान करने के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर फिर विष्णु जी की आराधना करनी होती है।
- भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित किए जाते हैं अथवा जी में हल्दी मिलाकर भगवान विष्णु जी के लिए दीपक जलाया जाता है।
- इसके पश्चात पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई रखकर भगवान विष्णु जी को चढ़ाई जाती है।
- एकादशी की शाम को तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाए जाते हैं और भगवान विष्णु जी को केले चढ़ाए जाते हैं और गरीबों में भीकेले बांटे जाते हैं।
- इसके पश्चात विष्णु जी की पूजा के साथ मां लक्ष्मी जी की आराधना भी की जाती है और द्वादशी तिथि के समय व्रत खोले जाते हैं तथा प्रसाद वितरण किया जाता है।
Vijaya Ekadashi के दिन ध्यान रखने वाली बातें
- विजया एकादशी के दिन शाम के समय भगवान विष्णु जी की आरती उतार कर ही फलाहार करना चाहिए।
- इस दिन भगवान हरि के नाम का भजन कीर्तन करके रात्रि को जागरण करना चाहिए, अर्थात रात को सोने की जगह भगवान का भजन कीर्तन करना चाहिए।
- द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में व्रत खोलना आवश्यक है।
- इस दौरान भगवान विष्णु जी से व्रत में कोई भूल चूक के लिए क्षमा मांगनी भी जरूरी है।
- ब्राह्मणों को भोजन करवाना आवश्यक है तथा सामर्थ्य के अनुसार उन्हें दान दक्षिणा अवश्य देनी होती है।
- इसके पश्चात ही स्वयं भोजन ग्रहण करने की अनुमति है।
Vijaya Ekadashi 2024 Date and Muhurat
पंचांग के अनुसार March 6, 2024 दिन Wednesday को विजय एकादशी है।
विजया एकादशी पारण मुहूर्त: March 7, 2024, 1:43 PM to 04:04 PM
विजया एकादशी Tithi: Starts from 6:30 AM on March 06, 2024 and ends on 4:13 AM on March 07, 2024.
विजया एकादशी हर साल Maha shivratri से 2 दिन पहले मनाई जाती है, मान्यताओं के अनुसार यदि सच्चे मन से भगवान विष्णु का व्रत एवं पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं और जीवन में कभी संकट नहीं आता।
Frequently Asked Questions
Vijaya Ekadashi 2024 will be observed on 6th March 2024.
विजया एकादशी का व्रत शत्रुओं को परास्त करने में सहायक है।
7th March 2024, 1:43 PM to 04:04 PM