BS4 और BS6 इंजन में क्या अंतर है?
अभी अभी BS4 को भारत सरकार द्वारा अपनाया गया था और अभी BS6 क्यूँ लागू किया गया है। कुछ दिन पहले रोड और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर द्वारा BS6 को लागु करने के बारे में बताया गया था। लेकिन BS6 Engine वाली पहली two-wheeler Honda Activa 125 को हाल ही में launch कर दिया गया है।
अभी भारत (India) में Bharat Stage 4 (BS4) emission norm लागु है और इसे बदलने में अभी काफी समय लग जाएगा। भारत सरकार का मुख्य प्लान Bharat Stage 5 (BS5) engine को लाने का था। जिससे की 80% तक पर्टिकुलर मैटर (ऐसी चीज़ें जिससे कि फेफड़े की बीमारी हो सकती है) को रोका जा सकेगा और BS6 engines को 2024 तक लाने का प्लान बनाया गया है।
लेकिन जैसे जैसे प्रदूषण लेवल (Pollution level) दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। इसी वजह से गवर्नमेंट द्वारा BS5 engine वाला प्लान को छोड़कर BS6 Engine को अपनाने के बारे में सोचा जा रहा है। जिससे के प्रदूषण को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
BS Norms क्या होता है?
भारत स्टेज इमेशन स्टैंडर्ड (Bharat Stage Emission Standards) को सन 2000 में प्रकाशित किया गया था। ये वो emission standard हैं जिससे कि केंद्र सरकार द्वारा इंजन से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सेटअप किया गया था। Bharat Stage Norms european regulations के ऊपर आधारित हैं और BS4 norms को April 2017 से हमारे देश में लागु कर दिया गया था।
BS6 Engine क्या होता है?
ऐसे बहुत से विभिन्न प्रकार के Norms होते हैं। जिसे की समय के साथ लागु किया जाता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Central Pollution Control Board) के द्वारा जोकि मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज (Ministry of Environment and Forest and Climate Change) के अंतर्गत आता है।
भारत इमेशन स्टैंडर्ड (Bharat Emmission Standards) क्या होता है
Euro Norms जिसे की Bharat Stage द्वारा अपनाया गया है, के हिसाब से सभी वाहनों की pollutant छोड़ने की एक maximum limit होनी चाहिए। Pollutant जैसे CO2, nitrogen oxide, sulphur और suspended particulate matter आदि। यदि कोई वाहन अपने निर्धारित लिमिट से ज्यादा pollutant त्याग करेगा। तब उसे Europe में बेचा नहीं जा सकेगा। भारत देश में Euro Norms को Bharat Stage Norms के नाम से follow किया जाता है। जिसे धीरे धीरे भारत देश के सभी शहरों में impliment किया जा रहा है।
BS-IV and BS-VI standards में अंतर
अगर दोनों Bharat Stage Standards की तुलना की जाएगी तो इन दोनों में स्तिथ अंतर देखा जा सकेगा:-
पेट्रोल इंजन नॉर्म (Petrol Emission Norms) (All figures in g/km)
- Emission Norm CO HC NOx HC+NOx PM
- BS-III 30 0.20 0.15 — —
- BS-IV 1.00 10 0.08 — —
- Euro 6 1.00 10 0.06 — 0.005
डीजल इंजन नॉर्म (Diesel Emission Norms) (All figures in g/km)
- Emission Norm CO HC NOx HC+NOx PM
- BS-III 64 — 0.50 0.56 0.05
- BS-IV 0.50 — 25 0.30 0.025
- Euro 6 0.50 — 06 0.17 0.005
BS4 और BS6 इंजन का व्यक्ति पर प्रभाव
- CO emission या Carbon Monoxide emission मुख्य रूप से पेट्रोल इंजन में पाया जाता है और ज्यादा समय इनके संपर्क में आने से oxygen का ट्रांसफर कम भी हो सकता है। जिससे सिरदर्द और nausea भी हो सकता है।
- HC emission या Hydrocarbon मुख्यत पेट्रोल इंजन (engine) में पाया जाता है और कम समय इनके संपर्क में आने से सिरदर्द, उल्टी (vomiting) और disorientation भी हो सकता है।
- NOx emission या Nitrogen Oxide emission मुख्य डीजल इंजन में पाया जाता है और ज्यादा समय इनके संपर्क में आने से कान और आँखों में जलन हो सकती है। इससे व्यक्ति का Lung tissue damage भी हो सकता है।
- PM या Particulate Matter मुख्य रूप से diesel engine में पाया जाता है और ज्यादा समय इनके संपर्क में आने से व्यक्ति के स्वास नाली और lung का काम करना बंद भी हो सकता है।
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BS6 की वजह से क्या बदलाव आते हैं?
BS6 की वजह से काफी बदलाव Automobiles में देखने मिलेंगे के नीचे दिए गए अनुसार होगी:-
- वाहनों में DPF (diesel particulate filter) फिट की जाएगी। जिससे की पर्टिकुलर मैटर (Particulate Matter) की reduction होगी। ये एक cylinder के आकार का वस्तु होगा जिसे इंजन के compartment में vertically लगाया जाएगा।
- वाहनों में नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nitrogen Oxide) को कम करने के लिए SCR (Selective Catalytic Reduction) Module को लगाया जायेगा।
- इसमें बहुत ही low emission को प्राप्त करने के लिए सभी reaction को precise मात्रा में होना आवश्यक होगा। जिसे करने के लिए Microprocessor का इस्तमाल किया जाएगा।
- गाड़ी निर्माताओं को ऐसे Petrol Engines बनाने होंगे। जिससे की CO emission कम हो सके और उसे कंट्रोल में रखा जा सके। इसके लिए उन्हें gasoline direct injection engines का भी इस्तमाल करना होगा।
- इंजन को ज्यादा efficient बनाने के लिए उन्हें छोटा करना पड़ सकता है। जिससे की engines की कम से कम फ्यूल कंजप्शन (fuel consumption) होगी।
- हाइब्रिड इंजन (Hybrid Engines) की demand काफी बढ़ जाएगी। क्यूंकि इससे emission को कम किया जा सकता है। Performance Level को बचा कर रखा जा सकता हैं और Fuel Economy को boost भी किया जा सकेगा।
- इस वजह से इस वजह से गाड़ियां ज्यादा costly भी हो सकती है, क्यूंकि Emission को रोकने वाले यंत्र ज्यादा costly होते है।
BS6 Norms का Indian Automobile Industry पर पड़ने वाले प्रभाव
- यदि BS6 को अपनाया जाता है तो Oil Refining infrastructure को बदलने के लिए लगभग 80,000 crore की जरुरत होगी। जिसके लिए सरकार को एक नए cess की जरुरत होगी।
- सबसे बड़ा चैलेंज यह होगा, कि BS6 Engine के लिए उसके मुताबिक इंधन जो की Petrol और diesel है। दोनों हमारे देश में जहाँ लोगों की पसंद छोटी कारें है, वहां DPF को फिट करने के लिए कार के design में काफी बदलाव लाना पड़ेगा, जिससे इसके कीमत में बढ़ोतरी हो जाएगी।
- SCR module को भी फिट करने में काफी डिजाइन का बदलाव करना पड़ेगा। जिसके लिए काफी वक़्त लगेगा और उसके बाद उसे optimize करने में भी ज्यादा वक़्त लग जाएगा।
BS6 Engine वाली पहली two-wheeler लांच हुई
- Honda Motorcycle और Scooter India (HMSI) द्वारा भारत में देश का पहला mass market two-wheeler को लॉन्च कर दिया गया है।
- जिसमें Bharat Stage – VI (BS6) emission regulations Engine का इस्तेमाल किया गया है।
- यह नयी Honda Activa 125 पूरी तरह से BS6 Engine के साथ तैयार है और साथ ही इसमें भी complete update शामिल किया गया है।
- एक fuel-injected 124 cc engine के साथ व्यक्ति को इसमें नए फीचर्स और कॉस्मेटिक अपडेट भी मिलेगा।