Chandra Grahan 2023 (Lunar Eclipse 2023): Date, Timing, हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण में ध्यान रखने वाली बातें

Chandra Grahan 2023 (Lunar Eclipse): There are two Chandra Grahan in 2023- the first Chandra Grahan is on Friday, May 5, 2023 and the second chandra grahan is on Sunday, October 29,2023.

चंद्र ग्रहण एक ऐसी स्थिति है जिसमें चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी परछाई में आ जाता है, यह स्थिति उस समय उत्पन्न होती है, जब सूरज पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं; जिस वजह से चंद्रमा की छाया पृथ्वी के पीछे बन जाती है। अधिकतर चंद्रमा ग्रहण पूर्णिमा के समय होता है। चंद्र ग्रहण को दो भागों में विभाजित किया गया है – पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण, उपछाया चंद्रग्रहण

Chandra Grahan 2023 Date and Time

Grahan Chandra Grahan 2023
Also Known as Lunar Eclipse 2023
Date & Timing of first and second Lunar Eclipse 2023

May 5, 2023 (from 8:45PM to 1:00AM)

October 29, 2023 (from 1:06PM to 2:22PM)

Type of Chandra Grahan पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण, उपछाया चंद्रग्रहण

पूर्ण चंद्र ग्रहण 2023 (Full Moon Lunar Eclipse 2023)

चंद्रमा और सूरज के बीच जब पूरी तरह से पृथ्वी आ जाती है, तो सूरज की रोशनी चंद्रमा तक पहुंचने से रुक जाती है इस प्रकार के वास्तविक चंद्रग्रहण को पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा की ऊपरी सतह गहरे लाल रंग की दिखाई देती है। यह इसलिए होता है क्योंकि धरती के कारण सूरज की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंचती पृथ्वी चंद्रमा पर पड रही होती है जिस वजह से चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देता है।

चंद्र ग्रहण के ही एक प्रकार को ब्लड मून भी कहा जाता है, इसमें ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल और नारंगी दिखाई देता है, यह इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी की छाया में छिप जाता है और आकाश में चंद्रमा अपनी सामान्य स्थिति से थोड़ा बड़ा नजर आता है। चंद्रमा अपनी सामान्य स्थिति से बड़ा दिखाई देने की वजह से  सुपरमून भी कहलाता है।

आंशिक चंद्रग्रहण (Aanshik Chandra Grahan)

यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है और बड़ा तथा चमकीला दिखाई देता है, यह पूर्ण चंद्र ग्रहण, ब्लड मून तथा पूर्णिमा का कॉन्बिनेशन होता है।

उपछाया चंद्रग्रहण (Upchaya chandra grahan)

जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में नहीं आता और उसकी परछाई से ही बाहर निकल जाता है, इस प्रकार के ग्रहण को उपछाया ग्रहण कहा जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा के रंग और आकार में कोई तब्दीली नहीं आती बल्कि एक धुंधली सी छाया नजर आती है, इसलिए इस ग्रहण को वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं माना जाता।

वैज्ञानिकों की दृष्टि में चंद्रग्रहण

वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण जितना उग्र नहीं होता, इसलिए चंद्र ग्रहण को डायरेक्ट देखा जा सकता है, इस को डायरेक्ट देखने से कोई नुकसान नहीं होता। जबकि सूर्य ग्रहण के समय विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करके ही स्थिति को देखा जा सकता है।

चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) से जुड़ी हुई एक धार्मिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस समय समुद्र मंथन चल रहा था, उस दौरान देवी देवताओं तथा दानवों के बीच अमृत पान को लेकर झगड़ा शुरू हो गया था। इस समस्या को सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप लिया और मोहिनी के रूप को देखकर सभी देवता तथा दानव उन पर मोहित हो गए। भगवान विष्णु ने देवताओं तथा दानवों को अलग-अलग बिठा दिया परंतु इस समय स्वरभानु नामक एक दानव को भगवान विष्णु की इस चाल पर शक पैदा हो गया और वह असुर देवताओं की लाइन में आकर बैठ गया और अमृत पान करने लग गया।

देवताओं की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने इस दानव को पहचान लिया और इसकी जानकारी तुरंत भगवान विष्णु को दे दी। भगवान विष्णु ने उस समय अपने सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया परंतु उस समय दानव ने अमृत को अपने गले तक उतार दिया था, जिस कारण उसकी मृत्यु नहीं हो पाई और उसका सिर और धड अलग-अलग हो गए। उस दानव के सिर वाले भाग को राहु तथा धड वाले हिस्से को केतु कहा जाने लगा। इसी वजह से राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं तथा पूर्णिमा और अमावस्या के दिन सूरज और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को प्रभावित करते हैं, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को प्रभावित करने की वजह से उस दिन चंद्र ग्रहण होता है।

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण

हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु को छाया माना जाता है और अगर यह किसी की कुंडली में बैठ जाएं तो उस व्यक्ति के जीवन में बहुत परेशानियां आ जाती हैं। इसलिए उस व्यक्ति को विशेष समाधान करने के लिए कहा जाता है ताकि राहु केतु प्रभावित ना कर पाए।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण 2023 में ध्यान रखने वाली बातें

  • हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान तेल लगाना, जल पीना, बाल धोना, कपड़े धोना जैसे कार्य नहीं करने चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के समय भोजन करनेसे भी वर्जित किया गया है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण में भोजन करने वाले मनुष्य अनाज के जितने दाने खाते हैं, उनको उतने सालों तक नर्क में जीवन व्यतीत करना पड़ता है।
  • चंद्र ग्रहण के समय तीन समय का भोजन करना भी शुभ नहीं माना जाता।
  • मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए क्योंकि सोने से व्यक्ति रोगी बन जाता है।
  • चंद्र ग्रहण के दिन फूल, पत्ते, तिनके, लकड़ी आदि भी तोड़ने से मना किया गया है क्योंकिइस प्रकार के कार्यों को हिंदू मान्यताओं के अनुसार अशुभ माना जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि यदि गर्भवती महिला घर से बाहर प्रवेश करती है तो बच्चे पर ग्रहण का दुष्प्रभाव पड़ता है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं तथा इस समय भगवान की मूर्ति को छूना भीवर्जित होता है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए परंतु यह नियम बच्चों बुजुर्गों तथा गर्भवती महिलाओं पर लागू नहीं होता है।

चंद्र ग्रहण 2023 के दौरान किए जाने वाले कार्य

  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण शुरू होने से पहले ही खुद को शुद्ध करनाजरूरी होता है अर्थात ग्रहण शुरू होने से पहले ही स्नान आदि कर लेना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण काल के दौरान देवीदेवताओं की पूजा अर्चना करनी चाहिए और इसी में अपना सारा समय व्यतीत करना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान दान पुण्य करना शुभ माना जाता है इसलिए जरूरतमंदों को दान दक्षिणा इस दिन अवश्य देनी चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद घर को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध करना चाहिए।
  • एक मान्यता के अनुसार ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद फिर स्नान करना चाहिए क्योंकि इससे मनवांछित फल प्राप्त होता है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान खाने पीने वाली चीजों में तुलसी पत्ती डाल देनी चाहिए ताकि खाने पीने वाली चीजें शुद्ध हो जाए।

चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023)

साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, 2025 को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 October 2023 को पूर्ण चंद्र ग्रहण के रूप में लगेगा

Frequently Asked Questions

When is the first Lunar Eclipse in 2023?

The first lunar eclipse 2023 is on May 5, 2023.

What actually happens during lunar eclipse?

Earth comes between the Moon and the Sun.

How many moons does Earth have in 2023?

One Moon

Check- Surya Grahan in 2023

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