Vrat and Festivals

Kartik Amavasya 2024: Date and Time, कार्तिक अमावस्या की कथा, तुलसी पूजा का महत्व

The date of Kartik Amavasya 2024 is November 1. The Kartik amavasya tithi would start at 3:52 PM, October 31 and ends at 6:16 PM, November 1.

कार्तिक अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण जाना जाता है, क्योंकि इस दिन पितरों की शांति के लिए उपवास किया जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन गरीबों में दान दक्षिणा दी जाती है। कार्तिक अमावस्या के दिन सूरज की विशेष रूप से आराधना की जाती है। इस दिन सूरज को अर्घ्य जरूर दिया जाता है। इस दिन अपनी समर्था के अनुसार अन्न, गो, सोने और वस्त्र आदि का दान किया जाता है। 

Kartik Amavasya 2024 Date

AmavasyaKartik Amavasya
DateNovember 1
DayFriday

कार्तिक अमावस्या की महत्वता

Kartik amavasya शास्त्रों में बहुत ही उत्तम महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु जी 4 महीने की नींद से जागते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक महीने में कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था।

भगवान नारायण ने कार्तिक महीने में धरती पर जल में निवास करने की बात देवताओं को बताई थी। इसलिए यह आज परम पवित्र माना जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन दीप दान, सभी तीर्थ स्थानों स्नान करने से अच्छा फल मिलता है। कार्तिक अमावस्या के दिन में व्रत करने से अच्छा फल मिलता है।

कार्तिक अमावस्या की कथा

कार्तिक अमावस्या पर बहुत सी कथाएं और पौराणिक घटनाएं मौजूद है। कार्तिक अमावस्या पर कई तरह के मंत्र अनुष्ठान ही किए जाते हैं। कार्तिक अमावस्या की कथा निम्नलिखित प्रकार है:

एक बार कार्तिक महीने  की Amavasya के दिन देवी लक्ष्मी जी पृथ्वी पर विचरण कर रही थी, पर अंधेरा ज्यादा होने की वजह से दिशा सही से पता नहीं चल पाती है। देवी लक्ष्मी जी अपने रास्ते से भटक जाते हैं। देवी लक्ष्मी जी को आगे रास्ते में चलते हुए एक स्थान पर कुछ दीपक की रोशनी दिखाई देती है। देवी उस रोशनी के पास जाती है। जब देवी लक्ष्मी जी वहां पहुंचती है तो, वहां एक झोपड़ी होती है। वहां एक बूढ़ी औरत ने अपने घर के बाहर दीपक जलाए होती है और उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था। वह औरत अपने घर के बाहर आंगन में बैठकर काम कर रही होती है। देवी लक्ष्मी जी उस बूढ़ी औरत से वहां रुकने के लिए जगह मांगती हैं।

वह बूढ़ी औरत देवी लक्ष्मी जी के आराम करने के लिए स्थान देती है। वह उनके बिस्तर की व्यवस्था भी कर देती है। देवी लक्ष्मी जी वहां आराम करने के लिए रुक जाती हैं।देवी लक्ष्मी जी उस बूढ़ी औरत के स्वभाव और सेवा से बहुत प्रसन्न  होती हैं। फिर वह बूढ़ी औरत अपना काम करते हुए वहीं सो जाती है। अगले दिन जब वह बूढ़ी औरत जाती है, तो देखती है कि उसकी साधारण की झोपड़ी एक महल के समान सुंदर भवन में बदल जाता है। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है। माता लक्ष्मी जी उस बूढ़ी औरत के घर से कब चली गई थी। इस बात का बूढ़ी महिला को पता नहीं चल पाता है। फिर लक्ष्मी माता जी इस बूढ़ी महिला को दर्शन देती है।

माता लक्ष्मी जी कहने लगी कि जो कार्तिक अमावस्या के दिन अंधकार के समय दीपक जलाता है और रोशनी के मार्ग को उज्जवल करता है। उसे मेरा आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके बाद से हर कार्तिक अमावस्या को रात में प्रकाश का उत्सव मनाया जाता है। उस दिन से कार्तिक अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी जी की पूजा की परंपरा चली आती है। इस दिन लक्ष्मी माता जी के आगमन के लिए पूजा पाठ किया जाता है। इस दिन घरों के दरवाजे खोल कर रखे जाते हैं। कार्तिक अमावस्या के दिन  दीपक जलाना फलदायक होता है ।

कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी पूजा का महत्व

कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा की जाती है। तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कार्तिक अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद तुलसी और सूरज को जल दिया जाता है। तुलसी माता की पूजा अर्चना की जाती है।

कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी के पौधे का दान किया जाता है। तुलसी पूजा करने से घर के रोग दुख दूर होते हैं। कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी पूजा करने से अर्थ, धर्म, कर्म तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।

About Margashirsha Amavasya

कार्तिक अमावस्या पर स्नान का महत्व 

कार्तिक अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इस दिन स्नान करने का विशेष महत्व बताया जाता है। कार्तिक अमावस्या  के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना संभव नहीं है, तो घर पर ही गंगाजल से स्नान कर सकते हैं। 

कार्तिक अमावस्या के दिन स्नान करते हुए भगवान विष्णु जी का ध्यान  किया जाता है। कार्तिक अमावस्या में ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने से धरती के जितने तीर्थ स्थान हैं, उसका पुण्य प्राप्त होता है। कार्तिक अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

Kartik Amavasya Puja Vidhi

  • कार्तिक अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन सम्भव हो सके तो गंगा स्नान भी करना चाहिए क्यूंकि ऐसा करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • स्नान करने के बाद भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
  • कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसीजी की पूजा की जाती है।
  • कार्तिक अमावस्या के दिन तिल के तेल का दीपकजलाया जाता है।
  • कार्तिक अमावस्या के दिन अन्न का दानदिया जाता है।
  • इस दिन वस्त्र का दान भी अवश्य किया जाता है।

कार्तिक अमावस्या के दिन ध्यान रखने वाली बातें 

  • कार्तिक अमावस्या के दिन निश्चित मात्रा में ही भगवान की मूर्तियां रखनी चाहिए।
  •  इस दिन पूजा करते समय ताली नहीं बजानी चाहिए, ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
  •  कार्तिक अमावस्या के दिन नाखून काटना और शेविंग जैसे काम नहीं किए जाते।
  •  कार्तिक अमावस्या के दिन घर को साफ रखना चाहिए।
  • कार्तिक अमावस्या के दिन किसी प्रकार का झगड़ा नहीं करना चाहिए।
  •  इस दिन बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए।
  •  कार्तिक अमावस्या के दिन मास और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

Kartik Amavasya 2024 Tithi and Timing

कार्तिक अमावस्या तिथि 1st November 2024 को होगी।

कार्तिक अमावस्या October 31 को 3:52 PM पर शुरू होगी।

कार्तिक अमावस्या November 1, 6:16 PM पर खत्म होगी।

Frequently Asked Questions

When is kartik amavasya in 2024?

It falls on 1st November 2024.

Is Kartik Amavasya auspicious?

The day is highly auspicious to worship Goddess Lakshmi.

When does kartik amavasya tithi start?

It starts at 3:52 PM, October 31.

Simeran Jit

Simeran has over 5 years of experience in content writing. She has been a part of the Edudwar Content Team for last 4 years. She holds her expertise in writing about festivals and government schemes. Other than her profession, she has a great interest in dance and music.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button